1. Fattah‑1 का हालिया उपयोग
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18 जून, 2025 को ईरान ने “Operation Honest Promise 3” के 11वें चरण में Fattah‑1 मिसाइलों का इस्तेमाल इज़राइल की ओर किया। IRGC ने दावा किया कि इन मिसाइलों ने इज़राइल की गोमूत्र रक्षा प्रणालियों—Iron Dome और Arrow—को चकमा देते हुए इज़राइल के हवाई क्षेत्रों पर “पूर्ण नियंत्रण” स्थापित किया en.wikipedia.org+15ndtv.com+15en.wikipedia.org+15thesun.co.uk+1presstv.ir+1।
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1 अक्टूबर, 2024 की “Operation True Promise II” में भी Fattah‑1 के इस्तेमाल की पुष्टि हुई थी, हालांकि अब यह पहली बार सक्रिय संघर्ष में इस्तेमाल हुआ presstv.ir+4ndtv.com+4en.wikipedia.org+4
2. Fattah‑1 की तकनीकी विशेषताएँ
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अनावरण और विकास: जून 2023 में IRGC द्वारा अनावरण, ब्रिगेडियर जनरल हाजिज़ादेह ने इसे “पीढ़ीयाँ परिवर्तन” बताया ।
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रेंज व गति: लगभग 1,400 किलोमीटर, और Mach 13–15 की गतिเหนือ, i.e. 17,000 km/h से अधिक m.economictimes.com+9en.wikipedia.org+9presstv.ir+9।
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प्रोपल्शन: ठोस ईंधन, एकल‑स्टेज रॉकेट से लैस। 200–350 किलो ग्राम तक प्लेगलोड क्षमता en.wikipedia.org।
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मेन्युवरेबिलिटी: इसमें हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल warhead है, जो मिसाइल के वायुप्रवेश के अंत में दिशात्मक बदलाव कर सकता है और मामूली परिवर्तनों से बचता है ।
3. मिसाइल रक्षा पर प्रभाव
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ईरान का दावा है कि Fattah‑1 “Israel‑striker” के रूप में तैयार है और Iron Dome व Arrow जैसे प्रणालियों को परास्त करने में सक्षम है lemonde.fr+15ndtv.com+15indiatoday.in+15।
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हालांकि, पश्चिमी विश्लेषकों ने इनके परफॉर्मेंस पर संदेह जताया है और इज़राइल ने सिद्ध किए बिना इन दावों को खारिज किया है ।
4. वर्तमान विवाद – इजराइल‑ईरान संघर्ष की स्थिति
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इज़राइल द्वारा ईरानी सुविधाओं जैसे तहरान और तब्रीज़ में परमाणु व मिसाइल केंद्रों पर लगातार हवाई हमले जारी हैं ।
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जवाब में, ईरान ने बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों से तोपों की बारिश शुरू कर दी, जिससे इज़राइल में नागरिक व वाणिज्यिक क्षति हुई ।
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दोनों देशों में सैकड़ों की जानें गई हैं, इज़राइल में मिसाइल और ड्रोन हमलों बाज़ारों, छात्रावासों व आवासीय इलाक़ों को निशाना बना चुके हैं ।
निष्कर्ष
Fattah‑1 मिसाइल, किसी भी तरह से एक निर्णायक हतियार साबित हो सकती है क्योंकि यह इज़राइल की रक्षा प्रणालियाँ छलांग लगाते हुए उड़ती है। हालांकि इसका वास्तविक प्रभाव और धीरणा असल युद्ध परीक्षणों के बिना स्पष्ट नहीं हो सकता।